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29/08/2025

Sahjanava-doharighat rail line सहजनवां-दोहरीघाट रेल परियोजना: पूर्वांचल के लिए नया मार्ग

सहजनवां-दोहरीघाट रेल परियोजना: पूर्वांचल के लिए नया मार्ग

सहजनवां-दोहरीघाट रेल परियोजना का शुभारंभ: पूर्वांचल के लिए नया रेल मार्ग

परियोजना का संक्षिप्त परिचय

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र को केंद्र सरकार की ओर से बड़ी सौगात मिली है। सहजनवां-दोहरीघाट रेल परियोजना के शुभारंभ से गोरखपुर, मऊ, वाराणसी और प्रयागराज के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। 3 चरणों में बनने वाली 81 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन न केवल यात्री सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि आर्थिक, सामाजिक विकास का माध्यम भी बनेगी।[1][2]

गाँवों एवं स्टेशन सूची (मुख्य पड़ाव)

  • सहजनवां
  • पिपरौली
  • खजनी
  • उनवल
  • बैदौली
  • बांसगांव
  • उरुवा बाजार
  • बनवारपार
  • गोला बाजार
  • भरौली
  • बड़हलगंज
  • न्यू दोहरीघाट

यह रेल लाइन गोरखपुर और मऊ जिलों के कुल 112 गाँवों से होकर गुजरेगी। कुल 359 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जा रही है, जिसमें किसानों को उचित मुआवजा देने की प्रक्रिया जारी है।[2]

परियोजना के फायदे

  • यात्रा समय में कमी और क्षेत्रीय व्यापार को नई गति।
  • हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार।
  • अंतरजिला कनेक्टिविटी मजबूत होगी—गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ से।
  • 12 स्टेशन, 1200 मीटर का पुल, 47 छोटे और 11 बड़े पुल, अंडरपास व ओवरब्रिज निर्माण।
  • ग्रामीण क्षेत्रों की बाजारों, सेवाओं और शहरों से तेज़ पहुँच।

निर्माण की अवस्थाएँ

  1. पहला चरण: सहजनवां से बैदौली (27 किमी)—मार्च 2025 तक।
  2. दूसरा चरण: बैदौली से गोला बाजार (29 किमी)—मार्च 2026 तक।
  3. तीसरा चरण: गोला बाजार से न्यू दोहरीघाट (25.5 किमी)—मार्च 2027 तक।

समाप्ति

पूर्ण होने पर यह परियोजना पूर्वांचल की वास्तविक तस्वीर बदल देगी, गाँवों को शहरों से जोड़ेगी और हजारों लोगों के लिए विकास के नए द्वार खोलेगी।[1][2]

उत्तर प्रदेश के विकास में नई रफ्तार भरने वाली सहजनवां-दोहरीघाट रेल परियोजना का शुभारंभ हो गया है। यह परियोजना गोरखपुर, मऊ और आज़मगढ़ जिलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसके पूरा होने से न सिर्फ़ यात्री परिवहन आसान होगा, बल्कि माल ढुलाई और स्थानीय उद्योगों को भी बड़ी सुविधा मिलेगी।[1]

परियोजना की पृष्ठभूमि

पूर्वांचल क्षेत्र लंबे समय से रेलवे कनेक्टिविटी के मामले में पिछड़ा हुआ था। गोरखपुर से मऊ और आज़मगढ़ के बीच सीधा रेल मार्ग न होने के कारण लोगों को लंबा सफर करना पड़ता था। इसी कमी को दूर करने के लिए सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन परियोजना को स्वीकृति दी गई।[1][2]

रेल मार्ग की लंबाई व संरचना

  • परियोजना लंबाई: लगभग 81 किलोमीटर
  • निर्माणाधीन स्टेशन: सहजनवां, दोहरीघाट सहित कई प्रमुख स्टॉप
  • आधुनिक तकनीक से ट्रैक और पुल निर्माण
  • यात्रियों व माल ढुलाई दोनों के लिए उपयोगी

किन-किन प्रमुख गाँवों व कस्बों से गुज़रेगी रेल लाइन

  • सहजनवां (गोरखपुर)
  • बरवां खुर्द
  • पिपरच
  • हरिहरपुर
  • खजनी
  • मेंहदावल
  • भीसा
  • रामपुर
  • दोहरीघाट (मऊ)

यह रेल मार्ग अन्य छोटे गांवों एवं स्टेशन से भी गुज़रेगा; विस्तृत मार्ग नक्शे के अनुसार अद्यतन किया जाएगा।[1][2]

क्षेत्रीय लाभ

  • समय की बचत – गोरखपुर से आज़मगढ़/मऊ का सफर छोटा होगा।
  • व्यापार और उद्योग – कृषि तथा औद्योगिक सामान की आसान ढुलाई।
  • नौकरी और रोजगार – निर्माण एवं संचालन से स्थानीय युवाओं को लाभ।
  • पर्यटन को बढ़ावा – धार्मिक स्थलों तक आसान पहुँच।

कीवर्ड्स (Keywords):

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किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

इस रेल लाइन से किसानों को अपनी उपज (धान, गेहूँ, गन्ना आदि) बड़े मंडियों और बाज़ारों तक पहुँचाने में सुविधा होगी, जिससे बेहतर दाम पर समय पर बिक्री संभव होगी।

सरकार का दृष्टिकोण

सरकार ने इस परियोजना को पूर्वांचल की जीवनरेखा बताते हुए कहा है कि आने वाले समय में इसे लखनऊ और पटना से जोड़कर बड़े रेल नेटवर्क का हिस्सा बनाया जाएगा।[1]

निष्कर्ष

सहजनवां-दोहरीघाट रेल परियोजना पूर्वांचल के लिए ऐतिहासिक तोहफ़ा है। यह सिर्फ़ परिवहन का साधन नहीं बल्कि रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और व्यापार में भी नई ऊर्जा भरने वाला कदम है।[2]

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